बंगाल में मां काली की पूजा और राजनीति की तांडव एकसाथ

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

पश्चिम बंगाल में मां काली की पूजा के दौरान राजनीति की प्रेत आत्मा फिर से जाग गई। बीजेपी के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी पर एक बार फिर हमला हुआ है — और इस बार आरोप लगा है “टीएमसी की लुंगी वाहिनी” पर!

अब ये “लुंगी वाहिनी” कौन है? यह पूछना ऐसा है जैसे बंगाल में पूछना कि “चाय में रसगुल्ला डाला जाए या नहीं?”

“लुंगी में लॉजिक नहीं, सीधा एक्शन होता है!”

बीजेपी के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने ट्विटर पर लिखा:

“मां काली पूजा में शामिल होने जा रहे शुभेंदु अधिकारी पर हमला हुआ, जिसमें महिलाओं को ढाल की तरह इस्तेमाल किया गया।

अब बंगाल में “महिलाएं ढाल, पुरुष लुंगी में…” — यह दृश्य अगर किसी वेब सीरीज़ में होता तो सेंसर बोर्ड भी कांप जाता!

“रेखा गाजी एंड कंपनी प्रेज़ेंट्स – लुंगी अटैक: बांग्लादेश एडिशन!”

मालवीय जी ने इस घटना का निर्देशन टीएमसी जिला परिषद सदस्य रेखा गाजी को सौंपा और आरोप लगाया कि इसमें अवैध बांग्लादेशी भी शामिल थे।

“टीएमसी लोकतंत्र के खिलाफ है, कानून की हत्या हो रही है,” – ऐसा बयान पढ़कर लगता है मानो कोई पॉलिटिकल क्राइम थ्रिलर चल रही हो।

“काली पूजा में दीप नहीं, डंडे जले!”

राजनीति की पूजा अब ईश्वर से नहीं, इशारों और आरोपों से हो रही है। पहले “जय श्रीराम” पर बवाल, अब “जय काली मां” के मौके पर झंडा-डंडा।

अमित मालवीय के अनुसार यह हमला पूर्व नियोजित था। यानि मां काली की मूर्ति के बगल में TMC की रणनीति की योजना भी बैठी थी।

“बंगाल में हमला करना TMC का त्योहार है!” – बीजेपी का कटाक्ष

बीजेपी नेताओं ने सीधे शब्दों में कहा – जब भी कोई धार्मिक कार्यक्रम होता है, वहां TMC के लोग झगड़े और जुलूस का कार्यक्रम ले आते हैं। यह राजनीतिक जगराता हर त्योहार में मुफ्त सेवा की तरह जुड़ गया है।

जब पूजा में प्रसाद की जगह पत्थर और राजनीति में “लुंगी वाहिनी” की एंट्री हो जाए, तो समझिए बंगाल में चुनाव पास हैं।

काली पूजा की थीम – असुरों का संहार, लेकिन यहां नेता ही एक-दूसरे को असुर बताकर संहार करने निकल पड़े। लोकतंत्र की काली रात में, दीप जलेंगे या डंडे, यह TMC और BJP तय करेंगे।

अखिलेश यादव ने दिवाली पर कहा—“दियों पर पैसा क्यों खर्च?” सरकार पर तंज

Related posts

Leave a Comment